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ADA: माफिया हीरालाल अग्रवाल के काले कारनामों का चिट्ठा

ADA Part 1

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आगरा। खंदारी निवासी कुख्यात शातिर माफिया हीरालाल अग्रवाल (Hiralal Agarwal) मुख्यमंत्री से लेकर आयुक्त जिलाधिकारी उपाध्यक्ष और सचिव की मोहरें अपने साथ में रखता था। पूर्व उपाध्यक्ष (Dr. Rajendra Pansia ) ने ऐसे भ्रष्टाचारी को आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) से ब्लैक लिस्ट कर जब उसके विरूद्ध एफआईआर लिखवाकर जेल भिजवा दिया तो कथित मीडिया का सहारा लेकर वह जेल के भीतर से सरकार और आलाधिकारियों को बदनाम करने का ताना-बाना बुनने लगा।

करीब 40 वर्षों से आगरा विकास प्राधिकरण में शातिर माफिया हीरालाल अग्रवाल (Hiralal Agarwal ) का एकछत्र राज्य था। उसने अपने दलालों की टीम के सहारे सरकार को करोड़ों रुपये का प्रतिवर्ष चूना लगाया। पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र पैंसिया (Dr. Rajendra Pansia ) ने अग्रवाल के काले कारनामों का जब अध्ययन किया तो वह दंग रह गये। उन्होंने अग्रवाल समेत उसके दलाल साथियों और सहयोगी कथित मीडियाकर्मियों को एडीए में आने से न केवल प्रतिबंधित किया बल्कि इनके गैंग का भाण्डाफोड़ कर इन शातिरों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराकर जेल भी भिजवाया।

Hiralal Agarwal

हीरालाल उपभोक्ता संरक्षण समिति के माध्यम से विगत 40 वर्षों उपभोक्ताओं की समस्याओं का निवारण कराने की आड़ में आगरा विकास प्राधिकरण में अधिकारियों व कर्मचारियों पर दबाव बनाता रहा। प्राधिकरण द्वारा जब उसके विरूद्ध कार्रवाई की गई तो उसके गैंग ने षडयंत्र शुरू कर दिया। जब पुलिस ने हीरालाल को उसके घर से गिरफ्तार करने के बाद जामा तलाशी ली तो उसके पास से प्राधिकरण की तमाम फाइलें और संवैधानिक पदों पर तैनात माननीयों व अधिकारियों की मोहरें बरामद हुईं। हीरालाल ने तमाम अनपढ़ लोगों का फायदा उठाकर प्राधिकरण की सम्पत्तियों के जरिए मुख्तारनामा अपने नाम कराया। न जाने कितने लोगों को प्लाट दिलाने के नाम पर ठगी का शिकार बनाया। गिरफ्तारी के वक्त उसके पास से आगरा विकास प्राधिकरण की थोड़ी बहुत नहीं बल्कि 28 मोहरें और 48 पत्रावलियाँ बरामद हुईं। पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र पैंसिया ने शातिर हीरालाल व उसके गैंग के खिलाफ भाण्डाफोड़ कार्रवाई के तहत सरकार के राजस्व पर डाका डालने की हिमाकत को लेकर सख्त कदम उठाये। अब जेल में बंद हीरालाल अपने कथित मीडियाकर्मी साथियों के जरिए प्राधिकरण और पूर्व उपाध्यक्ष पर फर्जी खबरों के माध्यम से कीचड़ उछलवा रहा है।

एडीए के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र पैंसिया पर दलालों का षडयंत्र

ज्ञातव्य है कि पूर्व उपाध्यक्ष ने प्राधिकरण की सम्पत्तियों पर खुलेआम डाके को रोकने के लिए अपने कार्यकाल में ऐतिहासिक कार्रवाइयाँ कीं। टीडीआई सिटी में प्लाट खरीदने पर एडीए द्वारा रोक लगाई गई। कंसट्रक्शन कंपनी दस साल के लिए ब्लैक लिस्टेड की गई। एडीए की सचिव गरिमा सिंह ने बताया कि बीते शुक्रवार को टीडीआई सिटी के चार निदेशकों के खिलाफ ताजगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। रिजव्यू डेवलपर्स द्वारा दस साल तक नयी योजना को स्वीकृत नहीं किया जायेगा। वहीं तमाम अवैध भवनों को ध्वस्त किया गया।

दलालों द्वारा झूठी शिकायतें कराने पर आगरा विकास प्राधिकरण संघ खफा

पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र पैंसिया (Dr. Rajendra Pansia ) ने ताज नगरी में अवैध ढंग से भवन निर्माण करने वालों पर सख्त कार्रवाइर्या की थीं। उन्होंने आगरा विकास प्राधिकरण को नयी ऊँचाइयों पर ले जाने के ऐतिहासिक फैसले लिये जिससे हीरालाल समेत तमाम दलाल तिलमिला उठे और डॉ. पैंसिया समेत प्राधिकरण के तमाम कर्मचारियों, अधिकारियों व अभियंताओं के खिलाफ झूठी शिकायतों के अंबार लगाने लगे। इन दलालों के मुँहलगे कथित मीडियाकर्मी भी इस गोलमाल में बराबर के वर्षों भागीदार रहे जो आज भी इनके समर्थन में सरकार और प्राधिकरण को बदनाम करने का अभियान छेड़े हैं। एडीएम कर्मचारी संघ झूठी शिकायतों को लेकर बुरी तरह  खफा है। संघ ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है। (Part 1)

 

 

 

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