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भागीदारी संकल्प मोर्चा 2022 में मिलकर लड़ेगा यूपी विधानसभा चुनाव

भागीदारी संकल्प मोर्चा

भागीदारी संकल्प मोर्चा

लखनऊ। यूपी में 2022 में होने वाले विधान सभा चुनाव में भागीदारी संकल्प मोर्चा 403 सीटों पर ताल ठोंकेगा। इस मोर्चे के बैनर तले आगामी 14 दिसंबर को बलिया के सुखपुरा में वंचित समाज अधिकार चेतना की पहली रैली होने जा रही है।

इसका ऐलान राजधानी लखनऊ में मंगलवार को जन अधिकार पार्टी के बाबू सिंह कुशवाहा,सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर, राष्ट्रउदय पार्टी के बाबूराम पाल, राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी के प्रेमचन्द्र प्रजापति और जनता क्रान्ति पार्टी के अनिल सिंह चौहान ने पांच दलों के गठजोड़ करते हुए किया है।

इस अवसर पर जन अधिकार पार्टी के संस्थापक ,राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि देश की आजादी के सात दशक बाद भी समाज का पिछड़ा वर्ग,अल्पसंख्यक ,दलित और आदिवासी समाज उपेक्षा का शिकार है। आज भी उसे वह अधिकार नहीं मिले है, जिसका वह हकदार है। आज हर दल आबादी के हिसाब से राजनीति और अन्य क्षेत्रों में भागीदारी देने की बड़ी बड़ी बातें तो जरुर करते है, लेकिन असल में हकीकत कुछ और स्थितियां बयां करती है।

बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 403 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारेगी

कुशवाहा ने कहा कि नवगठित मोर्चा जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी हिस्सेदारी की बात करता है। इसी को ध्यान में रखकर 2022 में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 403 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारेगी। मौजूदा प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र जो अभी तक सरकार के अधीन थे अब सरकार इन्ही निजी हाथों में सौंपने जा रही है। इससे गरीब के बच्चों को बेहतर शिक्षा और बेहतर इलाज के मोटी रकम खर्च करनी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि मोर्चे के बैनर तले 14 दिसंबर को बलिया के सुखपुरा में वंचित समाज अधिकार चेतना की पहली रैली की जा रही र्है। उसके बाद प्रदेश के सभी 75 जिलों में रैलियां की जाएगी।

67 वर्षों से पार्टियों ने गरीबी समाप्त करने के नाम पर गरीबों का वोट लिया

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि वर्तमान सरकार गरीब विरोधी है। 67 वर्षों से पार्टियों ने गरीबी समाप्त करने के नाम पर गरीबों का वोट लिया है मगर अफसोस की बात यह है कि सरकार के गठन के बाद यही दल गरीबी दूर करने के बजाय गरीबों को खत्म करने वाली योजनाओं को लाने का कार्य किया है। आज वर्तमान सरकार के निशाने पर ओबीसी,दलित और अल्पसंख्यक है। एक बड़ी साजिश के तहत वंचति समाज को धर्म का नशा पकड़ाया जा रहा है। ताकि लोग धार्मिक कार्यो में उलझे रहे।

हिन्दू मुसलमान में नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है। पूरे देश में शासन,प्रशासन विवि,कालेजों में बड़े पदों पर ओबीसी ,दलित,अल्पसंख्यक आज नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी वर्ग का कोई जज नही है। यूपी की बात की जाये तो यहां पर दस प्रतिशत भी डीएम ,एसपी ओबीसी,एससी एसटी और अल्पसंख्यक का नहीं है। सरकारी पालीटेक्निक कालेजों व अन्य तकनीकी संस्थानों का निजीकरण किया जा रहा है। अब इस लाइन में इंजीनियरिंग कालेज और मेडिकल कालेज भी आ गये है। उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने जो सपना गरीबों,वंचितों के लिए देखा था यह सरकार उस सपने का समाप्त करके हमें सिर्फ अमीरों के तीमारदारी करने तक सीमित रखना चाहती है।

राजभर ने कहा कि किसानों को अपनी पैदावार का मूल्य तक तय करने का अधिकार इस देश में नहीं है। उनके पैदावार का मूल्य भी अमीर ही तय करते है। उन्होंने आगे कहा कि जल,जंगल और जमीन पर सिर्फ हम लोगों का अधिकार होना चाहिए न कि अमीरों का। इसी सब ज्यादतियों व लूट के खिलाफ लड़ाई और अपने हक की प्राप्ति के लिए वंचितों के अधिकार के लिए संघर्ष का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मोर्चा यह चाहती है कि सभी वर्ग को सं याबल के अनुसार सरकारी नौकरियों में भागीदारी मिले। पूरे देश में एक समान शिक्षा व्यवस्था लागू हो,शिक्षा का राष्ट्रीकरण हो और पूरे देश में संपूर्ण शराब बंदी लागू हो और किसानों को उनकी पैदावार का मूल्य निर्धारण करने की छूट दी जाए ताकि आत्महत्या करने पर कोई किसान विवश न हो।

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