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Banks Strike in UP : प्रदेश में तीस हजार करोड़ का लेनदेन ठप

आठ जनवरी को देशव्यापी हड़ताल

आठ जनवरी को देशव्यापी हड़ताल

लखनऊ। बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंककर्मियों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल (Bank Strike) का आवाह्न किया था, जिसके पहले दिन स्टेट बैंक प्रधान कार्यालय के सम्मुख विशाल सभा आयोजित की गई,जिसमें बड़ी संख्या में बैंककर्मियों ने जोरदार सभा एवं प्रर्दशन किया।इस हड़ताल से प्रदेश भर में करीब 30 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय लेनदेन प्रभावित हुआ है।
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केंद्र सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण के विरोध में शुरू हुई दो दिवसीय बैंक हड़ताल (Bank Strike) के पहले दिन राजधानी लखनऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश में व्यापक असर देखने को मिला। राजधानी लखनऊ के तमाम इलाकों में बैंक की शाखाएं बंद रही तो बैंक के एटीएम में भी नकदी का संकट लोगों को परेशान करता रहा। हड़ताल (Bank Strike) के पहले दिन बैंक अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी लखनऊ में करीब ढाई हजार करोड़ रुपए का लेनदेन प्रभावित हुआ तो वहीं पूरे उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो करीब 30 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय लेनदेन प्रभावित हुआ है।

राजनीतिक घरानों ने बैंकों को लूटा है

दस लाख से अधिक बैंककर्मियों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंको को निजीकरण करने की केन्द्र सरकार के प्रयासों के विरोध में दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आवाह्न किया था, जिसके पहले दिन स्टेट बैंक प्रधान कार्यालय के सम्मुख विशाल सभा आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में बैंककर्मियों ने जोरदार सभा एवं प्रर्दशन किया।

सभा में एनसीबीई (नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्पलॉइज) के प्रदेश महामंत्री केके सिंह ने बताया कि बड़े औद्यौगिक घरानों ने राजनीतिक प्रभाव का उपयोग कर बैंको को खूब लूटा है, आज बैंकों के कुप्रबन्धन के चलते अनेक घोटाले उजागर हो रहे हैं, इस स्थिति के लिये बैंककर्मी नहीं बल्कि राजनीतिक दबाव जिम्मेदार है।

बैंककर्मी सरकार को मनमानी नहीं करने देंगे

ऑयबाक (आल इण्डिया बैंक आफीसर्स कन्फेडरेशन) के अध्यक्ष पवन कुमार ने कहा कि वित्तमंत्री ने बजट भाषण में देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के नाम पर आईडीबीआई बैंक तथा सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंको को निजी क्षेत्र में बेच देने की बात कहकर सरकार का इरादा बता दिया है परन्तु बैंककर्मी सरकार को मनमानी नहीं करने देगी।

एटीएम में रहा कैश का संकट

मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी ने बताया कि विभिन्न स्रोतों के अनुसार हड़ताल से लखनऊ में लगभग 2500 करोड़ तथा प्रदेश में 30 हजार करोड़ का लेनदेन प्रभावित रहा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको के लखनऊ जिले की 905 शाखाओं के दस हजार बैंककर्मी तथा प्रदेश की 14000 शाखाओं के दो लाख बैंककर्मी हड़ताल में शामिल रहें। लखनऊ में 990 एवं प्रदेश के 12000 एटीएम मशीनों में से कई मशीनों में कैश समाप्त होने से लोग अपना पैसा नहीं निकाल सके। यही नहीं हड़ताल के दूसरे दिन लोगों को और परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

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