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आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबर: एडीबी ने विकास दर का अनुमान घटाकर 5.1 प्रतिशत किया

आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान

आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार के लिए आर्थिक मोर्चे को लेकर बुरी खबर आई है। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 2019-20 के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया है।

पहले 7.2 प्रतिशत रहने का था अनुमान

एडीबी ने सितंबर में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 के लिये 6.5 प्रतिशत और उसके बाद 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था। एडीबी ने कहा कि खराब फसल से ग्रामीण क्षेत्र की बदहाल स्थिति और रोजगार की धीमी वृद्धि दर ने उपभोग को प्रभावित किया है। इसके कारण वृद्धि दर के अनुमान को घटाया गया है।

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6.5 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान

एडीबी ने कहा कि अनुकूल नीतियों के कारण आर्थिक वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में मजबूत होकर 6.5 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है। इससे पहले जनवरी-मार्च, 2013 तिमाही में जीडीपी विकास दर 4.3 फीसदी रही थी, वहीं एक साल पहले की समान अवधि यानी जुलाई-सितंबर, 2018 तिमाही में यह सात फीसदी रही थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर पांच फीसदी रही थी।

चक्रीय है आर्थिक सुस्ती: मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन

हाल ही में मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने कहा था कि भारत की आर्थिक सुस्ती ढांचागत के बजाय चक्रीय ज्यादा है। उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए पूरी तैयारी के साथ सुधार के एजेंडे पर काम कर रही है। उन्होंने फिक्की यंग लीडर्स समिट के दौरान ये बातें कही थी।

उन्होंने कहा कि मौजूदा सुस्ती चक्रीय है और सरकार की तरफ से किए जा रहे कॉर्पोरेट कर जैसे उपायों का उद्देश्य देश में निवेश के अनुकूल माहौल तैयार करना है, जो टिकाऊ विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के लिए निजी निवेश और खपत का बढ़ना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इन उपायों को लागू करने के पीछे सरकार का सोचा-समझा एजेंडा है और इनके नतीजे जल्द ही दिखने लगेंगे।

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