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इस बार अक्षय तृतीया पर बन रहा है ये शुभ योग

Akshaya Tritiya

Akshaya Tritiya

नई दिल्ली।  ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत (Vibhor Indusut) कहते हैं कि अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) को स्वयं सिद्ध मुहूर्त भी माना गया है। इस दिन किसी भी कार्य को करने के लिए पंचांग देखने या मुहूर्त निकलवाने की आवश्यकता नहीं होती। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन किया गया कार्य अक्षय रहता है, उसका कभी ह्रास नहीं होता।

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भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के चैप्टर चेयरमैन ज्योतिषाचार्य आचार्य मनीष स्वामी (Chapter Chairman Astrologer Acharya Manish Swamy) ने बताया कि अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग (Shobhan Yoga) और वृषभ राशि के चंद्रमा के साथ आ रही है। इस दिन मंगलवार और रोहिणी नक्षत्र होने से मंगल रोहिणी योग का निर्माण हो रहा है। शोभन योग (Shobhan Yoga) के कारण इस दिन का महत्व बढ़ रहा है। इसके साथ ही पांच दशक के बाद ग्रहों का विशेष योग बन रहा है।

Akshaya Tritiya

ज्योतिषाचार्य अमित गुप्ता के अनुसार अक्षय-तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन धन-समृद्धि के नियंत्रक ग्रह शुक्र और कार्य सिद्धि के ग्रह चन्द्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि में रहेंगे जो एक बहुत शुभ दुर्लभ योग है। ज्योतिषी अनुराधा गोयल कहती हैं कि इस दिन स्वर्ण, आभूषण, वाहन, या कोई भी नई वस्तु खरीदना आपके जीवन में धन समृद्धि की वृद्धि करेगा।

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अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) शुभ मुहूर्त-

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) तिथि आरंभ- 3 मई सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर

समापन- 4 मई सुबह 7 बजकर 32 मिनट तक।

रोहिणी नक्षत्र- 3 मई सुबह 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर 4 मई सुबह 3 बजकर 18 मिनट तक होगा।

पूजन का श्रेष्ठ समय – सुबह 6:18 से 8:14 के बीच स्थिर लग्न (वृष) का श्रेष्ठ मुहूर्त होगा जो अक्षय पूजन के लिए श्रेष्ठ होगा, इसके अलावा सुबह 9 बजे से शुभ चौघड़िया मुहूर्त (Choghadiya Muhurta) आरम्भ हो जायेंगे जो दोपहर तक रहेंगे। इसलिए 9 बजे के बाद भी किसी भी समय अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का पूजन किया जा सकेगा।

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