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असम की सलाह- मिजोरम यात्रा न करें, रवीश का तंज- सरमा से मंजूरी लेकर वहां जाएंगे मोदी-शाह

49 साल पुराने सीमा विवाद को लेकर मिजोरम और असम के बीच तनाव की स्थिति है, इसी बीच असम में मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने यात्रा परामर्श जारी किया है। अशांत परिस्थितियों के मद्देनजर मिजोरम की यात्रा से बचने और वहां काम करने वाले और रहने वाले राज्य के लोगों से ‘अत्यंत सावधानी बरतने’ के लिए कहा गया है। असम गृह सचिव एमएस मणिवन्नन की ओर से जारी एडवाइजरी में बताया गया, ‘‘मौजूदा हालात देखते हुए, असमवासियों को सलाह है कि वे मिजोरम यात्रा न करें।

पत्रकार रवीश कुमार फेसबुक पोस्ट के जरिए इस विषय पर हैरानी जताते हुए बोले, यह भी होने लगा है। असम अपने नागरिकों से कह रहा है कि वे मिज़ोरम न जाएं। उन्होंने कहा- मोदी और शाह को असम आकर मिज़ोरम जाना हो तो लगता है अब हिमांता बिस्वा शर्मा से इजाज़त लेनी होगी?

इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने कहा कि असम के लोगों को मिजोरम की यात्रा न करने की सलाह दी जाती है और जो लोग काम से संबंधित मजबूरियों के चलते मिजोरम में रह रहे हैं, उन्हें “अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। ” मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, “हमारे पास सबूत है कि असम ने पहले गोली चलाई।  शिलांग में गृह मंत्री (अमित शाह) के साथ सफल बैठक के बाद, सीमा या उस दिन मेघालय में असम ने हमारे साथ क्या किया, इसका क्या औचित्य है। ”

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उन्होंने कहा, “हिमंत (असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा) मित्र हैं और मैंने व्यक्तिगत रूप से उनसे इस पर बात की है।  मुझे लगता है कि कुछ तत्व हैं जिन्होंने असम सरकार को गुमराह करने की कोशिश की। “कछार जिले के इनर लाइन रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में सोमवार सुबह हिंसा शुरू हुई थी।  बाद में दोनों राज्य ने स्थानीय पुलिस पर एक दूसरे पर घुसपैठ करने और बिना उकसावे के गोलियां चलाने का आरोप लगाया था। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि उनकी सरकार सीमा पर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।

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