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चाय वाले की बेटी आंचल गंगवाल बनी फाइटर पायलट, सपनों को मिली उड़ान

आंचल गंगवाल बनी फाइटर पायलट

आंचल गंगवाल बनी फाइटर पायलट

नीमच। कहते हैं प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होता है। इसी बात को मध्य प्रदेश में नीमच शहर के सुरेश गंगवाल की बेटी आंचल ने सच साबित कर दिखाया है। अब वह फाइटर पायलट बन गयी है। बीते दिनों आंचल ने हैदराबाद में एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के हाथों दीक्षांत परेड में ये उपलब्धि हासिल की है। बता दें कि आंचल के पिता सुरेश गंगवाल की नीमच सिटी रोड पर रोडवेज बस स्टैंड पर चाय की दुकान चलाते हैं।

आंचल ने हैदराबाद में एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के हाथों दीक्षांत परेड में ये उपलब्धि हासिल की

सुरेश गंगवाल ने चाय बेचकर बेटी आंचल के सपनों को उड़ान दी। आंचल के परिवार में पिता सुरेश गंगवाल, मां बबिता, भाई चंद्रेश (इंदौर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर) व बहन दिव्यानी (वॉलीबॉल खिलाड़ी) हैं। गंगवाल परिवार मूल रूप से जिले के जावद विकासखंड के गांव तारापुर-उम्मेदपुरा के रहने वाले हैं।

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नीमच की शान आंचल गंगवाल ने आखिर कल अपने सपनों की उड़ान को हकीकत में परिवर्तित कर दिया है। आंचल के आदर्श उनके पिता हैं। उनकी मेहनत को उनके प्रयास को प्रणाम करती है। आंचल शुरू से ही प्रतिभावान छात्रा रही है। उसने अभी तक जो सोचा वह पाया है।

आंचल को वायुसेना में जाने की प्रेरणा 2013 में  उत्तराखंड में आई भीषण त्रासदी से मिली

आंचल इससे पूर्व में लेबर इंस्पेक्टर के रूप में सेवारत थी। आंचल को वायुसेना में जाने की प्रेरणा 2013 की एक घटना से मिली। आंचल ने बताया कि 2013 में उत्तराखंड में बाढ़ आई थी। उत्तराखंड में भीषण त्रासदी के वक्त मन में देश की सेवा का एयर फोर्स में जाकर करने की सोची। आंचल को यह सफलता छठीं बार की परीक्षा में मिली है। 7 जून को परिणाम के आते ही जो खुशी उसके परिवार को मिली उसे कोई बयां नहीं कर सकता है। तब आंचल को हर जगह सम्मानित किया गया।

जून 2018 से जून 2020 तक का सफर

एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट में मप्र से एकमात्र युवती चुनी गई। 30 जून 2018 से हैदराबाद एयर फोर्स एकेडमी पर प्रशिक्षण की शुरुआत हुई। 20 जून 2020 को प्रशिक्षण के बाद दीक्षांत परेड हुई। यद्यपि उनके परिवार की इच्छा उनके आंखों के सामने बिटिया को सम्मानित होते हुए देखने की कोरोना की बंदिशों के कारण नहीं हो सकी।

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