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किसानों के लिए कार्बन क्रेडिट बनेगा अतिरिक्त आय का स्त्रोत: मुख्य सचिव

Anand Bardhan

Anand Bardhan

देहारादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन (Anand Bardhan) ने सोमवार को सचिवालय में कार्बन क्रेडिट के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के लिए कार्बन क्रेडिट आय के नए स्रोत के रूप में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने सभी विभागों द्वारा कार्बन क्रेडिट की दिशा में किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली।

मुख्य सचिव (Anand Bardhan) ने निर्देश दिए कि प्रदेश में पर्यावरण विभाग कार्बन क्रेडिट के लिए नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि कार्बन क्रेडिट उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य, जिसका अधिकतम भूभाग वन से आच्छादित है, के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण में मदद करता है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास के भी नए अवसर पैदा करता है। उत्तराखण्ड के किसान और स्थानीय समुदाय कार्बन क्रेडिट अर्जित कर सकते हैं और उन्हें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बेचकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्य सचिव (Anand Bardhan) ने कहा कि वन, कृषि और सहकारिता विभाग विभाग में कार्बन क्रेडिट की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने सहकारिता विभाग को अपने अंतर्गत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को इसमें शामिल कर कार्बन क्रेडिट्स की दिशा में कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग को कार्बन क्रेडिट और ग्रीन क्रेडिट की दिशा में शीघ्र तेजी से कार्य किए जाने की बात कही। उन्होंने कृषि विभाग एवं दुग्ध विकास विभाग को भी कार्बन क्रेडिट पर कार्य किए जाने के निर्देश दिए।

उन्होंने (Anand Bardhan) कहा कि इससे स्थानीय समुदायों की सहभागिता से जैव विविधता की रक्षा होगी एवं सतत जीवनशैली को बढ़ावा मिलेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार के नए अवसर के साथ ही किसानों को अतिरिक्त आय का अवसर भी मिलेगा।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, विनोद कुमार सुमन, सी. रविशंकर, धर बाबू अद्दांकी, अपर सचिव विनीत कुमार एवं हिमांशु खुराना सहित नाबार्ड के प्रतिनिधि सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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