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विस प्रश्नोत्तर : उप्र में पिछले पांच वर्षों के अंदर दोगुनी हुई बिजली की मांग

AK Sharma

AK Sharma

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक दशक के अंदर बिजली की मांग में 50 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ है। साथ ही पिछले पांच वर्षों के सापेक्ष विद्युत की मांग लगभग दोगुनी हुई है। यह जानकारी प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने बुधवार को विधान सभा में दी।

समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज कुमार पाण्डेय ने ऊर्जा मंत्री से लिखित सवाल किया था कि प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में वर्तमान में कितने घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है तथा मांग के सापेक्ष कितनी बिजली सप्लाई, आकस्मिक कटौती के बाद वास्तविक रूप से आपूर्ति की जा रही है ? विधायक ने मंत्री से यह भी जानना चाहा था कि क्या सरकार अघोषित बिजली कटौती को रोकने पर विचार करेगी ?

इस सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने लिखित रुप से सदन को अवगत कराया कि बरसात विलंबित होने एवं औसत से बहुत कम बरसात होने तथा अत्यधिक गर्मी होने के कारण ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में विद्युत की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 से 2021 के दशक की औसत पीक डिमांड 16338 मेगावाट थी जबकि औसत न्यूनतम मांग 5330 मेगावाट थी। इसी प्रकार वर्ष 2012-2017 की अवधि में औसत पीक डिमाण्ड 13598 मेगावाट जबकि औसत न्यूनतम मांग 5685 मेगावाट थी।

इसके सापेक्ष अप्रैल, 2022 से अब तक की महीने की औसत पीक डिमांड 24969 मेगावाट है एवं औसत न्यूनतम मांग 11017 मेगावाट है, जो पिछले दशक की अधिकतम व न्यूनतम डिमांड की 50 प्रतिशत से ज्यादा है तथा उपरोक्त पिछले पांच वर्षों के सापेक्ष लगभग दोगुना है। मंत्री ने बताया कि इस वर्ष के पिछले तीन माह में विद्युत मांग ऐतिहासिक रूप से बढ़ी है। जुलाई, 2022 में पीक डिमांड 26537 मेगावाट रही, जबकि सितंबर माह में दिनांक 09.09.2022 को अधिकतम मांग बढ़कर 26589 मेगावाट पहुंच गई।

उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक मांग को पूर्ण करने हेतु ऊर्जा विभाग पूरी तरह से लगा हुआ है। ऊर्जा उत्पादन के संयंत्रों को पिछले वर्ष के पीएलएफ 55.51 प्रतिशत के सापेक्ष में इस वर्ष 73.31 प्रतिशत पर चलाया गया। गत वर्ष के सापेक्ष कोयला की खपत 43.7 प्रतिशत बढ़ी है। कुल मिलाकर विद्युत उत्पादन पिछले वर्ष के सापेक्ष 46.27 प्रतिशत बढ़ाया गया।

उपलब्ध करायी जा रही अधिकतम बिजली

ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने दावा किया कि प्रदेश में उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम बिजली उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति की मांग को निर्बाध रुप से पूरा करने तथा सस्ती दरों पर विद्युत उपलब्ध कराने के लिए तत्पर एवं कटिबद्ध है।

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एक दूसरे सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री ने बताया कि वर्तमान में रोस्टर के अनुसार विद्युत आपूर्ति जिला मुख्यालय हेतु 24 घण्टें, तहसील मुख्यालय हेतु 21.30 घण्टे, ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे तथा कृषि फीडर हेतु विद्युत आपूर्ति 10 घण्टे निर्धारित है। उन्होंने यह भी बताया कि बुन्देलखण्ड के अन्तर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में 20 घण्टे विद्युत आपूर्ति का रोस्टर निर्धारित किया गया है।

जर्जर विद्युत तारों के कारण तीन माह में हुईं कुल 651 दुर्घटनाएं

सपा के ही डॉ. संग्राम यादव द्वारा पूछे गये एक अन्य सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने सदन को बताया कि उप्र पावर कारपेारेशन लि0 एवं सहयोगी डिस्काम के अन्तर्गत प्रदेश में जर्जर विद्युत तारों के कारण दिनांक 01.04.2022 से दिनांक 20.07.2022 तक कुल 651 दुर्घटनाएं हुई हैं।

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