Site icon News Ganj

वायु प्रदूषण से भी हो सकता है हार्ट अटैक, शोध में खुलासा

वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण

नई दिल्ली। भारत में वायु प्रदूषण ​के कारण दिल की बीमारी का भारी खतरा बन रहा है। इस बात का खुलासा हाल ही में एक शोध में हुआ है। शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन दक्षिण भारत के उपनगरीय इलाकों में किया है। शोध में पता चला है कि ज्यादातर लोगों को वायु में पाए जाने वाले छोटे-छोटे कणों के कारण दिल का दौरा पड़ने का गंभीर खतरा बना रहता है।

जानें क्या कहता है शोध?

आईएएनएस के मुताबिक बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ की शोधकर्ता कैथरीन टोनी ने बताया कि हमारे शोध के नतीजे यह जाहिर करते हैं कि कम और मध्यम आय वाले देशों में वायु प्रदूषण पर और अध्ययन करने की आवश्यकता है, क्योंकि आबादी और वायु प्रदूषण के स्तर के कारण उच्च आय वाले देशों के मुकाबले इन देशों के अध्ययन के नतीजों में काफी अंतर देखने को मिल सकता है।

दुबई रन : 86 साल की कुसुम भार्गव व्हील चेयर से पूरी की पांच किलोमीटर की दौड़ 

उन्होंने कहा कि पूर्व के अध्ययन बताते हैं कि दिल की बीमारी और मृत्यु दर के लिए वायु प्रदूषण जिम्मेदार है। इस शोध के लिए अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने भारत के उन इलाकों के निम्न-मध्यवर्गीय आय वाले लोगों को चुना जहां वायु प्रदूषण अधिक होता है।

हैदराबाद और तेलंगाना के अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा

शोध में भारत के हैदराबाद और तेलंगाना के 3372 लोगों को शामिल किया है। टीम ने उच्च आय वाले देशों में सीआईएमटी (कैरोटिड इंटिमा मीडिया थिकनेस) को मापा, ये बारीक कण 2.5 यूएम व्यास वाले थे।

शोध टीम ने लोगों से यह भी पूछा कि वे खाना बनाने के लिए किस प्रकार के ईंधनों का इस्तेमाल करते हैं। उनमें ले 60 प्रतिशत लोग बायोमास ईंधन का इस्तेमाल करते थे। जहां लोग बायोमास ईंधन का खाना बनाने के लिए इस्तेमाल करते थे, वहां सीआईएमटी अधिक थी, खासकर वैसे स्थान पर जहा हवा आने जाने की व्यवस्था नहीं थी।

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता अभी भी ‘बहुत खराब’

दिल्ली की हवा की गुणवत्ता शनिवार को भी बहुत खराब श्रेणी में बनी रही। बीते दो दिनों में इसमें पराली के धुआं का योगदान कम रहा है। सफर इंडिया ने बताया कि दिल्ली में एक्यूआई शनिवार को 335 दर्ज किया गया, जबकि पीएम 10 और पीएम 2.5 स्तर क्रमश: ‘मध्यम’ व ‘बहुत खराब’ रहे। हवाएं उत्तर दिशा से चलीं और इनके अगले दिन उत्तर-पश्चिम से चलने का पूर्वानुमान है।

सफर इंडिया के अपने बुलेटिन में कहा कि 8 नवंबर को प्रभावी बॉयोमास फायर काउंट की गणना 415 रही। यह बीते साल के इसी दिन की तुलना में कम रहा और इस साल के उच्चतम स्तर से कम रहा। पूर्वानुमान है कि वर्तमान पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के तहत अगले तीन दिन हवा की रफ्तार तेज रहेगी।

Exit mobile version