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अगर किसान खालिस्तानी तो दिल्ली में बैठी सरकार तालिबानी, बंदूक के दम पर कब्जा जमाया हुआ है- टिकैत

किसान नेता राकेश टिकैत ने चंडीगढ़ में कहा कि किसान आंदोलन अब सिर्फ कृषि कानूनों के खिलाफ न रहकर देश बचाने का आंदोलन बन गया है। उन्होंने कहा कि 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर की राष्ट्रीय किसान महापंचायत से यूपी के साथ मिशन देश भी शुरू करेंगे। उन्होंने ऐलान किया कि पीएम के 2022 में किसानों की आय दोगुना होने के ऐलान के अनुसार किसान एक जनवरी से अपनी फसल दोगुनी कीमत पर बेचना शुरू कर देंगे।

टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को खालिस्तान, जाटलैंड के नाम पर बांटने की कोशिश कर रही है, जिसे बंद कर दे। उन्होंने कहा- अगर किसान खालिस्तानी हैं तो दिल्ली में बैठी सरकार तालिबानी है। सरकार में बैठे लोग बंदूक के जरिए देश पर कब्जा जमाना चाहते हैं।भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को खालिस्तान, जाटलैंड के नाम पर बांटने की कोशिश कर रही है, जिसे बंद कर दे। अगर किसान खालिस्तानी हैं तो दिल्ली में बैठी सरकार तालिबानी है।

आज सरकार में बैठे लोग बंदूक के जरिए देश पर कब्जा जमाना चाहते हैं। लेकिन दिल्ली की सीमाओं पर बैठा किसान अब उठने वाला नहीं है। नए कानून वापस लेकर एमएसपी की गारंटी का कानून बनाना पड़ेगा।राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार को निजी कंपनियां चला रहीं हैं। इसलिए किसानों से वार्ता नहीं की जा रही है। सरकार सब कुछ बेचने पर तुली है। स्टील प्लांट, रेलवे, रोड, स्टेडियम सभी का निजीकरण हो गया।

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दो महीना अनाज सस्ता रहेगा और जब किसान अनाज बेच देंगे तो वे 10 महीने उसे महंगा बेचेंगे। सरकार एमएसपी पर गारंटी दे। उन्होंने कहा कि 5 सितंबर को निजी कंपनियों के खिलाफ बड़े आंदोलन का एलान करेंगे। टिकैत ने कहा कि देश सियासत से नहीं, किसान आंदोलन से बचेगा। इस दौरान उन्होंने लोगों को मुजफ्फरनगर की रैली में आने का न्योता दिया।

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