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एडीआर की रिपोर्ट में खुलासा, दूसरी पार्टियों को मिले कुल चंदे से तीन गुना अधिक भाजपा को मिला

केंद्र की सत्ता एवं कई राज्यों की सत्ता में कबिज भाजपा को 2019-20 में 785.77 करोड़ रुपए चंदा मिला है, एडीआर की रिपोर्ट से इसकी पुष्टि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी, माकपा एवं भाकपा को 228.035 करोड़ रुपए चंदे के रुप में प्राप्त हुए हैं। बिहार में चंदा देने वाले तीन लोगों ने भाजपा को अपनी जमीन भी दान में दी है, इस जमीन की कुल कीमत एक करोड़ रुपए से अधिक है।

भाजपा को कांग्रेस से पांच गुना अधिक व्यक्तिगत एवं कॉरपोरेट चंदा मिला है, इसके पीछे निजीकरण की बात भी कही जा रही है। एडीआर की इस रिपोर्ट के मुताबिक इनमें उन्हीं चंदो को शामिल किया गया है जो 20 हजार से अधिक हैं, इसके नीचे के चंदो का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘भाजपा द्वारा घोषित चंदे की राशि, कांग्रेस, राकांपा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मा‌र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और तृणमूल द्वारा घोषित चंदे की कुल राशि से तीन गुना (228.03 करोड़ रुपये के मुकाबले 785.77 करोड़ रुपये) से भी अधिक है।’

एडीआर की रिपोर्ट में राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दलों द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान चंदे के रूप में प्राप्त 20 हजार रुपये से अधिक की राशि पर गौर किया गया है। इस राशि के बारे में पार्टियों ने खुद ही चुनाव आयोग को जानकारी दी है।

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एडीआर के मुताबिक, ‘भाजपा ने अमरावती नगर निगम से 4.80 लाख रुपये चंदा मिलने की घोषणा की है। हालांकि, इस राशि के बारे में पार्टी ने पता, बैंक का नाम, पैन (स्थायी खाता संख्या) सहित अन्य विवरण उपलब्ध नहीं कराया है, लेकिन इंटरनेट पर खोजने से यह पता चला कि उक्त दानदाता महाराष्ट्र का एक स्थानीय निकाय है (जैसा कि उनकी बेवसाइट पर उल्लिखित है)। यह नगर निगम द्वारा चंदा देने की वैधानिकता पर सवाल खड़े करता है, जो एक शासकीय इकाई है (जिसके महापौर और उप महापौर भाजपा से हैं) और जिस पर एक राजनीतिक दल का शासन है।’

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