लखनऊ डेस्क। महिलाओं ने अपने समाज को न केवल बदला, बल्कि इस समाज के साथ अन्य महिलाओं के लिए नजीर बन गईं हैं।जी हां थारू समाज अति पिछड़ा और आधुनिकता से दूर माना जाता है। यहां महिलाओं ने एक छोटे से प्रयास से यहां की महिलाओं के जीवन में एक ऐसा परिवर्तन आया कि महिलाएं अब खुलकर जीना सीख गई हैं।
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आपको बता दें इस समाज की महिलाओं ने अब पढ़ना-लिखना शुरू कर दिया है। अब वह हिसाब लगा सकती हैं, अधिकारियों से बात करती हैं और अपने लिए खुद फैसले लेती हैं। यहां सरकारी-गैर सरकारी संस्थाओं की मदद से चल रहे महिला एवं किशोरी साक्षरता केंद्रों की मदद से महिलाओं को शिक्षित किया जा रहा है। श्रावस्ती की थारू समाज की महिलाओं ने अपने समाज को ही बदल दिया है।
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जानकारी के मुताबिक थारू समाज की महिलाओं का शिक्षित होना उनके लिए आजीविका का साधन भी बन रहा है। कई महिलाएं शिक्षा के बल पर पढ़ाई भी करने लगी हैं। इस समाज में महिलाओं का पढ़ना किसी अजूबे से कम नहीं हैं। पढ़ाई करने से जहां महिलाओं की सोच और व्यक्त्तिव में परिवर्तन आ रहा है, वहीं महिलाएं आज अपने हक के लिए लड़ना भी सीख चुकी हैं।